उज्जैन, जिसे भगवान महाकाल की नगरी कहा जाता है, अद्वितीय आध्यात्मिक धरोहरों का केंद्र है। इन्हीं में से एक है बड़ा गणेश मंदिर, जो अपनी विशाल गणपति प्रतिमा, अनूठी स्थापत्य कला और दिव्य आभा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के समीप स्थित है और यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान गणेश का आशीर्वाद लेकर अपनी हर बाधा को दूर करने की कामना करते हैं।
🔸उज्जैन की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा
इस मंदिर में भगवान गणेश की लगभग 18 फीट ऊँची और 10 फीट चौड़ी भव्य प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा उज्जैन ही नहीं, बल्कि भारत में गणपति की सबसे बड़ी प्रतिमाओं में से एक मानी जाती है।
🔸पारंपरिक निर्माण शैली
इस प्रतिमा का निर्माण आधुनिक सामग्रियों से नहीं, बल्कि गुड़, मेथी, ईंट, चूना, बालू, और पवित्र तीर्थों के जल से किया गया है। इसके अलावा, इसमें सात मोक्षपुरी (अयोध्या, मथुरा, काशी, कांची, द्वारका, उज्जैन, और हरिद्वार) की मिट्टी भी शामिल की गई है, जो इसे और भी पवित्र बनाती है।
🔸114 वर्ष पुराना इतिहास
इस भव्य मंदिर की स्थापना महर्षि गुरु महाराज सिद्धांत वागेश पं. नारायणजी व्यास ने लगभग 114 वर्ष पूर्व करवाई थी। तब से लेकर आज तक, यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
🔸वास्तुकला और अलंकरण
मंदिर की संरचना पारंपरिक हिंदू स्थापत्य कला का उत्तम उदाहरण है। मंदिर के आंतरिक और बाहरी हिस्सों को खूबसूरत नक्काशी और धार्मिक चित्रों से सजाया गया है, जिससे इसकी दिव्यता और भव्यता और भी अधिक बढ़ जाती है।
🔹 धार्मिक महत्व और मान्यताएँ
🙏 गणपति – विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता
भगवान गणेश को सभी विघ्नों को हरने वाला और शुभ कार्यों की शुरुआत के देवता के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
🌿संकष्टी चतुर्थी और गणेश चतुर्थी पर विशेष अनुष्ठान
गणेश चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, और अन्य शुभ अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा, हवन, और भव्य महाआरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।