उज्जैन, जो भगवान महाकाल की पावन नगरी के रूप में जानी जाती है, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से भरपूर है। महामृत्युंजय द्वार इसी गौरवशाली नगरी का एक भव्य प्रवेशद्वार है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों का स्वागत करता है। यह द्वार इंदौर-उज्जैन मार्ग पर स्थित है और उज्जैन आने वाले भक्तों के लिए आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
महामृत्युंजय द्वार का निर्माण और इतिहास
✅ निर्माणकर्ता: उज्जैन विकास प्राधिकरण (Ujjain Development Authority)
✅ स्थापना का उद्देश्य: उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इस भव्य द्वार का निर्माण किया गया।
महामृत्युंजय द्वार की विशेषताएँ:
🔹भव्य शिल्पकला – यह द्वार अपनी अद्भुत नक्काशी और विशाल संरचना के कारण भारतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
🔹आध्यात्मिक महत्व – महामृत्युंजय मंत्र को जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। इस द्वार से गुजरना शिव कृपा की अनुभूति कराता है।
🔹रात्रिकालीन रोशनी – संध्या समय इस द्वार पर विशेष प्रकाश व्यवस्था की जाती है, जिससे यह और भी भव्य प्रतीत होता है।
महामृत्युंजय द्वार न केवल एक प्रवेशद्वार है, बल्कि यह उज्जैन की धार्मिक आस्था और गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है।
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